ब्यूरो सोनभद्र/ जिले के डाला ओबरा चोपन नगर समेत पूरे सोनभद्र जनपद में अवैध चिकित्सा अवैध अस्पताल एवं अवैध दवा की दुकानों पर कोई रोक नहीं ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सन 2010 में सोनभद्र में रह चुके मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जी के कुरील से जब अवैध चिकत्सक अवैध अस्पताल एवं अवध दवा की दुकानों प्रकृति कार्रवाई या इन पर अंकुश क्यों नहीं लगा जय पा रहा है तो उन्होंने बताया था कि जनपद में पंजीकृत समस्त अस्पताल चिकित्सक एवं दवा की दुकानों की सूची पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को दे दे जा चुकी है। उसे समय रह रहे पुलिस अधीक्षक डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह ने भी यह बताया था कि ऐसी सूची प्राप्त हुई है और संबंधित थानों को सूचित कर दिया गया है किंतु बावजूद इसके आज लगभग 14 वर्ष बादभी इस तरह के अवैध चिकित्सा अवैध अस्पताल एवं अवैध दवा की दुकान निरंतर बढ़ती जा रही है। या यूं कह लें कि इन पर सफेद पोशों व तथा कथित पत्रकार अथवा चंद पुलिस कर्मियों तथा सरकारी अस्पताल के कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों के संरक्षण मैं धड़ल्ले से इस तरह के अवैध व्यापार कॉल लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसा ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जब कोई नया पत्रकार अथवा युवा पत्रकार इन चिकित्सकों की जानकारी प्रकाशित करने हेतु उनके अवैध प्रतिष्ठानों पर जाता है तो संरक्षण देने वाले भ्रष्टाचार पोषित लोगों द्वारा ऐसे युवा पत्रकारों के ऊपर वसूली धमकी देने जैसी बातें प्रदर्शित की जाती है क्योंकि ऐसे अवैध प्रतिष्ठानों से वे वह पोषित होकर लाभान्वित होते रहते हैं और बदले में उनका संरक्षण करते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऐसे युवा पत्रकारों पर वसूली जैसे आरोप लगाना कहां तक सही है जबकि आरोप लगाने वाले ऐसे अवैध प्रतिष्ठानों द्वारा जमकर आम जनमानस को भारी क्षती पहुंचाई जा रही है और इसका लाभ ऐसे भ्रष्टाचार पोषित व्यक्तियों जो समाज में अच्छे अवदे पर बैठे हुए है को मिल रहा है। देखना यह है कि समाज के ऐसे अवैध चिकित्सा अवैध अस्पताल एवं अवैध दवा की दुकानों पर पूर्णता कब रोक लगापाएगी। जबकि उत्तरप्रदेश के माननीय मुखमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भ्रष्टाचार के प्रतियोगी आदित्यनाथ जी जीरो टॉलरेंस की नीति रखते हैं।