सिंगरौली जिले में खूब फल-फूल रहा अवैध कबाड़ का काला कारोबार

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पुलिस प्रशासन से सांठ गांठ कर जिले भर में कबाड़ियों ने बनाया अपना ठिकाना

 

 

सिंगरौली/जिले में इन दिनों अवैध कबाड़ व्यवसायियों की चांदी हो गयी है। पुलिस प्रशासन से सांठ गांठ कर जिले के बलियरी, माजन मोड़, कचनी, नवानगर, जयंत, मोरवा, विन्ध्यनगर बैढ़न खुटार माढा़ सरई सहित कई जगहों पर अवैध रूप से कबाड़ की दुकानें संचालित हो रही हैं। दिखाने के लिए कुछ दुकानों के पास लायसेंस भी नहीं है परन्तु उनके द्वारा अवैध रूप से चोरी का सामान बड़े पैमाने पर खरीदा जा रहा है।

 

जिले में इन दिनों रोजाना हो रही छोटी-बड़ी चोरियों में भी इन्ही कबाड़ियों का हाथ बताया जा रहा है। कबाड़ व्यवसायी बेखौफ चोरी का सामान खरीदने में पीछे नहीं हट रहे हैं जिस कारण नाबालिग बच्चों सहित कबाड़ के धन्धे में जिले भर में सैकड़ो कबाड़ी पूरी रात चोरियों को अंजाम दे रहे हैं। घर के बाहर राख लोहे का सामान हो या बाइक, सायकल इन कबाड़ियों के नजरों से वह बच नहीं सकता। दिन भर रेकी करने के बाद रात में उसे कबाड़ियों द्वारा पार कर दिया जाता है और उसे कबाड़ के दुकान में बेंचकर अपने शौक को कबाड़ियों द्वारा पूरा किया जाता है। कबाड़ के व्यवसायी चोरी के इन बेशकीमी सामानों को बेचकर मोटी रकम वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं एनसीएल, एनटीपीसी, हिण्डाल्कों सहित अन्य कंपनियों में भी इन कबाड़ियों द्वारा रात के अंधेेरे में हमला बोला जाता है और वहां की बेशकीमती मशीनों को चोरी कर कबाड़ की दुकानों में पहुंचा दिया जाता है। जांच के नाम पर पुलिस मात्र रिकार्ड चेक करके अपनी खानापूर्ति तो पूरी कर लेती है परन्तु इसमें कंपनियों को लाखों करोड़ो का चूना लग जाता है।

 

सिंगरौली जिले में कबाड़ का धंधा लम्बे समय से चल रहा है। जिले में बड़ी बड़ी कंपनियां संचालित है जिस कारण यहां पर कबाड़ियों की सक्रियता लम्बे समय से देखी जा रही है। आलम यह है कि निर्माणाधीन घरों में रखे लाखो की निर्माण सामग्री इतनी बारीकी से पार कर दी जाती है कि खोजने पर उसका निशान तक नहीं मिलता। पुलिस से इन कबाड़ व्यवसायियों की इस तरह की सांठ गांठ है कि इनके ऊपर हाथ लगाने की कोई भी जेहमत नहीं उठाता। यदि सही से जिले में संचालित वैध व अवैध कबाड़ की दुकानों की जांच हो जाये तो एक बड़े सिंडिकेट का खुलासा हो सकता है परन्तु पुलिस की सुस्त प्रणाली के चलते सिंगरौली जिले में कबाड़ का धंधा बेखौफ संचालित हो रहा है और कंपनियों तथा आम लोगों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।

 

स्थानीय निवासियों का कहना है कि कबाड़ियों का आतंक बढ़ता जा रहा है और पुलिस प्रशासन की अनदेखी से उनके हौसले बुलंद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कबाड़ियों ने खुलेआम अपना कारोबार चला रहे हैं और पुलिस की मौन स्वीकृति से उनका कारोबार बढ़ता जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस कबाड़ियों को संरक्षण दे रही हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि कबाड़ियों का आतंक बढ़ना स्थानीय निवासियों के लिए खतरनाक है और इसे रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।