पुष्पा ” की राह पर है… जिले का ब्लैक डायमंड किंग पुलिस और प्रशासन को समझता है ” फ्लावर

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स्टेट हेड विवेक कुमार पाण्डेय की खास रिपोर्ट 6264145214

सिंगरौली -लाल चन्दन की तस्करी में लिप्त… दक्षिण भारतीय अभिनेता अल्लू अर्जुन की विख्यात फिल्म “पुष्पा” का प्रमुख किरदार भले ही काल्पनिक हो… लेकिन हमारी सिंगरौली में कोयले में मिलावट कर कोयला चोरी में लिप्त क‌ई सफेदपोश चेहरे पुष्पा के काल्पनिक किरदार को जीवंत करने पर तुले हुए हैं। आलम यह है कि कोयले में मिलावट का अवैध कारोबार और कारोबारी जहां निरंतर फल-फूल रहा है वहीं पुलिस और प्रशासन फ्लावर (फूल) बन चुपचाप तमाशा देख रहा है। भरोसे मंद सूत्रों की मानें तो इन अवैध कारोबारियों को राजधानी भोपाल के सत्ता सिंहासन पर बैठे कुछ रसूखदार खद्दर धारियों का भरपूर सरंक्षण और समर्थन प्राप्त है लिहाजा वह निर्वाध गति से सिंगरौली की इस बहुमूल्य खनिज संपदा का अवैध दोहन करने में लगे हुए हैं। यही वजह है कि पुलिस और प्रशासन चाह कर भी हाथ मसलने के सिवाय कुछ नहीं कर पा रहा है।

*पावर संयंत्रों को झेलनी पड रही है दोहरी मार*

जानकारी के अनुसार कोयले में मिलावट का मुख्य खेल मोरबा और बरगंवा रेलवे स्टेशन के कोल यार्ड साइडिंग पर खेला जाता है जहां ललित पुर पांवर प्लांट और प्रयागराज पांवर प्लांट के लिए कोयला लोड किया जाता है। यही मिलावटी कोयला जब पांवर संयंत्रों द्वारा जब उपयोग में लाया जाता है तो बिजली उत्पादन में जहां विपरीत असर पड़ना स्वाभाविक है वहीं परियोजनाओं की बहुमूल्य मशीनरी भी खराब हो जाती हैं।

*चारकोल और स्टोन डस्ट की होती है मिलावट*

हमारे भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि कोयले मिलावट में छाई(चारकोल) और स्टोन डस्ट का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। अवैध कारोबारियों को चारकोल जहां झारखंड के रामगढ़ से और स्टोन डस्ट सिंगरौली में जगह-जगह संचालित स्टोन क्रेशरों से आसानी से अत्यधिक कम कीमत पर उपलब्ध हो जाता है। सूत्रों की मानें तो प्रतिदिन 50 से अधिक गाड़ियों से चारकोल की खपत की जाती है जबकि इतनी ही मात्रा में प्रतिदिन स्टोन डस्ट की भी खपत होती है। अब सीधा सा हिसाब लगाया जा सकता है कि एक रात के अंधियारे में कितने लाख की कोयला चोरी की जाती होगी।

*इनको मिला है कोयला लोडिंग का ठेका*

मिली जानकारी के अनुसार गोदावरी प्रायवेट लिमिटेड कंपनी एवं प्रापक प्रायवेट लिमिटेड कंपनी को मोरबा एवं बरगवां रेलवे स्टेशन स्थित कोल यार्ड से पांवर कंपनियों द्वारा कोयला लोडिंग और ट्रांसपोर्टिंग का ठेका मिला हुआ है। और लोडिंग के दौरान ही मिलावट का खेल होता है। ऐसी स्थिति में यक्ष प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि मिलावट खोरी का यह खेल किसकी सह पर सफल हो रहा है।

*खनिज विभाग नहीं है जिम्मेदार -ए.के.राय*

इस संदर्भ में जिला खनिज अधिकारी ए.के. राय ने स्पष्ट किया है कि यह मामला राज्य खनिज विभाग के दायरे में नहीं आता है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी नहीं है। हमारे दायरे में अवैध उत्खनन और परिवहन की देखरेख करना है।