मानक से कई गुना अधिक घन मीटर की हो रही है खुदाई
डाला /सोनभद्र। सोनभद्र जिले के डाला बिल्ली चोपन बर्दिया और ओबरा स्थानों पर इन दोनों अवैध खनन बड़ी तेजी से फल फूल रहा है कारण यह है कि अत्यधिक पैसा कमाने के उद्देश्य से ई-टेंडरिंग खदानों के परमिट रेट अत्यधिक बड़े हुए हैं जिनकी भरपाई खदान मालिकों द्वारा राजस्व चोरी कर की जा रही है आलम यह है कि किसानों के भूमिधारी खदानों के परमिट रेट 10 गुना अधिक बढ़ाकर मंडी में बेचे जा रहे हैं कारण यह है कि ई-टेंडरिंग खदानों में अत्यधिक बोली बोलकर खदान मालिकों ने खदानें पाई है। दरअसल यह वही खदान मालिक हैं जो पूर्व में भी ओबरा डाला बिल्ली क्षेत्र में अवैध खनन अथवा खनन करने के अवैध तरीके से पूर्णतया परिचित है यही कारण है कि वह खनन माफियाओं की श्रेणी में अवैध खनन को बारीकी से समझने वाले और भ्रष्ट खनन अधिकारियों अथवा प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से ई टेंडरिंग में बढ़े हुए रेट पर खदानों को ले लेते हैं बाद उसके धड़ल्ले से राजस्व लूट का खेल प्रारंभ हो जाता है और अवैध खनन कर उस नुकसान की भरपाई कर उतने ही अधिक प्रतिशत मुनाफा कमाने की व्यवस्था बनाई जाती है इस प्रक्रिया में उठे हुए बोल्डरों को परमिट उन खदानों से मिलता है जो कास्थ के द्वारा कम रेट पर लीज हुए हैं बहुत सी ऐसी खदानें है जिनमें काम तो कुछ हुआ नहीं किंतु परमिट करोड़ों का बिक गया इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण है कि सोनभद्र के खान विभाग में भ्रष्टाचार किस प्रकार अपनी जड़ फैलाए हुए हैं ताज्जुब है कि खदानों में पानी भरा होने के बावजूद धड़ल्ले से परमिट की बिक्री और परमिट जारी होना दोनों भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था को प्रदर्शित करता है इसी क्रम में महादेव इंटरप्राइजेज खदान में भी धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है तथा खनन मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए अप्रत्याशित खनन किया जा रहा है जहां योगी सरकार अपने समस्त अधिकारियों को जीरो टॉलरेंस नीति के लिए सदैव अग्रेषित कर रही है वहीं इतना बड़े पैमाने पर राजस्व लूट के लिए जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों की मनमर्जी लगातार बढ़ती जा रही है जिससे लाभान्वित और पोषित भ्रष्ट अधिकारी व खनन माफिया लगातार बड़े पैमाने पर धन संग्रह कर रहे हैं खबर लगाने का उद्देश्य माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक खबर पहुंचाने और उनके द्वारा स्वयं इस तरह के मामलों को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करने का है अब देखना यह है कि ऐसी खदानों पर क्या कार्रवाई की जाती है जबकि खनिज विभाग राजस्व लूट में अहम भूमिका निभा रहा है।