अब विज्ञापन मामले में फंसे मनीष सिसोदिया, LG ने मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश

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नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. उनपर सरकारी खजाने का दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के बावजूद, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के सरकारी खजाने से विज्ञापन जारी किया और प्रचार प्रसार करने की कोशिश की गई. इसे किसी राजनीतिक पार्टी के लाभ के लिए सार्वजनिक संसाधनों का इस्तेमाल माना गया है.

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ऐसे सभी मामलों में विज्ञापन एजेंसियों को जारी राशि आम आदमी पार्टी से वसूलने का निर्देश भी दिया है. इस संबंध में उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार को निर्देश देकर दूसरे राज्यों में जारी विज्ञापन के मद में दिल्ली सरकार ने जो राशि विज्ञापन एजेंसियों को जारी की थी, उसकी वसूली आम आदमी पार्टी से करने के निर्देश दिए हैं. उपराज्यपाल ने सभी विभागों को एक परामर्श जारी करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि सभी निर्धारित वित्तीय नियमों और प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो सके. उन्होंने कहा कि बड़े भुगतान का प्रक्रिया जारी करने से पहले पूरी सावधानी बरतनी जरूरी है, ताकि कोई गड़बड़ी या सरकारी खजाने का नुकसान ना हो.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश: दरअसल, मई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों को ऐसे विज्ञापनों में सार्वजनिक धन के इस्तेमाल रोकने के लिए आदेश दिया था, जो किसी सरकारी पदाधिकारी या राजनीतिक दल का प्रचार करते हों. इसके बाद अप्रैल 2016 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा तीन सदस्य समिति गठित की गई थी, ताकि विज्ञापन की सामग्री पर नियंत्रण रखा जा सके और सरकार की राजस्व हानि को रोक जा सके.

अजय माकन ने की थी शिकायत: आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से दिल्ली समेत अन्य राज्यों में जारी विज्ञापन पर कांग्रेस नेता अजय माकन ने उपराज्यपाल से शिकायत की थी और जांच करने की मांग की थी. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि दिल्ली सरकार के कुछ विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का साफ उल्लंघन है. इसके बाद समिति ने दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय को ऐसे विज्ञापनों का खर्च की गई राशि का आंकलन कर आम आदमी पार्टी से वसूली के निर्देश दिए थे.

जारी हुआ था वसूली का नोटिस: दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार, अन्य राज्यों के लिए जारी विज्ञापन में आम आदमी पार्टी ने 97.4 करोड़ रुपए की राशि खर्च की थी, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन था. जुर्माना और ब्याज के साथ जनवरी 2023 में आम आदमी पार्टी को कुल 163.62 करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस जारी किया गया था. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को कहा कि दिल्ली सरकार ने भारी मात्रा में सरकारी खजाने में ऐसे विज्ञापन जारी किए, जिनका मकसद आम आदमी पार्टी की महिमामंडन था और मनीष सिसोदिया ने इन भुगतानों के लिए वैध निर्देश जारी किए थे.

पार्टी की बयान आया सामने: उधर आम आदमी पार्टी ने इस संबंध में कहा है कि भाजपा सरकार वास्तविक सरकार चलाने में असमर्थ है और मनीष सिसोदिया और पार्टी पदाधिकारी के खिलाफ एक के बाद एक फर्जी मामले दर्ज कर रही है. बीजेपी के पास अगले 5 वर्षों के लिए कोई एजेंडा नहीं है, सिवाय आम आदमी पार्टी को परेशान करने के. पिछले दिनों दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नई कक्षाओं के निर्माण में घोटाले के मामले में भी भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने मनीष सिसोदिया और तत्कालीन लोक निर्माण विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

मुख्यमंत्री ने कही थी ये बात: बता दें कि, दिल्ली में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद जब नई सरकार बीजेपी की बनी और इसके शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में किया गया, तब सभी समाचार पत्रों में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की विज्ञापन दी गई थी. लेकिन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि यह विज्ञापन सरकारी खजाने से नहीं बल्कि बीजेपी ने जारी किया है. नई सरकार कोशिश करेगी की किसी भी प्रचार प्रसार में सरकारी खजाने का काम से कम इस्तेमाल हो.