अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से दुर्गम पहाड़ी के बीच स्थित उतानी पाठ गांव में पहुंचेगी सौर बिजली

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# सभी परिवारों को निःशुल्क 1 किलोवॉट का सोलर पैनल, दो इन्वर्टर बैटरी, 3 एलईडी बल्ब और एक टेबल फैन होगा उपलब्ध

 

# आदिवासी बहुल उतानी पाठ स्थित 30 परिवारों के 187 लोग अब रात के अँधेरे में रहने को नहीं होंगे विवश

 

 

 

सिंगरौली, मार्च 20, 2025: ऊर्जाधानी के नाम से मशहूर सिंगरौली जिले के माड़ा तहसील अंतर्गत घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरी आदिवासी बहुल उतानी पाठ गांव के 30 परिवारों के 187 लोग अब अंधेरे में रहने को विवश नहीं होंगे। जल्द ही इस गांव के सभी परिवारों को निःशुल्क 1 किलोवॉट का सोलर पैनल, दो इन्वर्टर बैटरी, 3 एलईडी बल्ब और एक टेबल फैन उपलब्ध हो जायेगा। अदाणी फाउंडेशन यहाँ चौबीस घंटे बिजली और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के लिए भी प्रतिबद्ध है। अब तक यहाँ के जनजातीय परिवार पानी के लिए नदी- नालों पर ही आश्रित हैं जिनका पानी भीषण गर्मियों में सूख जाया करते है।

 

 

 

अदाणी फाउंडेशन अपने लोक कल्याणकारी कार्यों के लिए पूरे देश में विख्यात है और राष्ट्र-निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देता है। वर्तमान में यह संस्था देशभर के 19 राज्यों के 5,753 गाँवों में लगभग 73 लाख लोगों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक उत्थान में सहयोग कर रही है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश की ऊर्जा राजधानी सिंगरौली जिले के उतानी पाठ में रह रहे बैगा एवं खैरवार जनजातीय परिवारों पर संस्था की नज़र गई जो चारों ओर पहाड़ों और घने जंगलों से घिरे एक दुर्गम स्थान में रह रहे हैं। स्थान दुर्गम रहने के कारण ये सामुदायिक विकास में क्रमशः पिछड़ते चले गए। अदाणी फाउंडेशन की टीम ने चुनौतीपूर्ण स्थान के बावजूद समग्र विकास के लिए उतानी पाठ गांव को अपनाया है।

 

 

 

उल्लेखनीय है कि हाल ही में अदाणी फाउंडेशन के द्वारा सिंगरौली जिले के सरई तहसील अंतर्गत बासी बस्ती को गोद लिया गया है, जहां सभी 23 बैगा परिवारों को ऑफ ग्रिड सोलर प्रणाली के माध्यम से बिजली पहुंचाई गई। इस गांव के आदिवासी परिवारों ने आज़ादी के सात दशक बाद अपने घरों में पहली बार अदाणी फॉउंडेशन की बदौलत अब जाकर बिजली देखी। जिस गांव में बच्चों की पढ़ाई कभी लगभग नामुमकिन थी, वहां नौनिहालों के हाथों में कॉपी, किताब और स्कूल बैग दिखनी किसी सपने से कम नहीं। अब बच्चे जंगल से लकड़ियां बीनने नहीं बल्कि हर दिन पढ़ाई करने जाते हैं। अदाणी फाउंडेशन ने एक स्थानीय शिक्षक की पहचान कर उन्हें नियुक्त किया और गांव के सभी 27 बच्चों को पढ़ाने की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। बूंद-बूंद पानी के लिए भी लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ता था। लेकिन अदाणी फाउंडेशन की ओर से सुरक्षित पेयजल सुविधाओं के लिए इस बस्ती में एक कुआं खोदा गया है। अदाणी फाउंडेशन ने इस दुर्गम क्षेत्र में लोगों के आवागमन के साधन के लिए प्रत्येक परिवार को एक-एक साइकिल भी उपलब्ध कराई है ताकि वो इसके माध्यम से रोज़मर्रा के कार्य आसानी से कर सकें।

 

 

 

गौरतलब है कि अदाणी फाउंडेशन द्वारा जरूरतमंद स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाने एवं स्थानीय बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कई होनहार और ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थी कई बार आर्थिक रूप से संपन्न नहीं होने की वजह से कोचिंग की फीस नहीं दे पाते। इसी कड़ी में अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से स्थानीय छात्र-छात्राओं के लिए खनुआ नया में बैंक, एसएससी, रेलवे, संविदा शिक्षक, पटवारी, राज्य पुलिस और वन विभाग के लिए आयोजित होनेवाले प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग शुरू की गयी है।